बीएसएनएल के गठन से लेकर आज तक मान्यता प्राप्त यूनियन को उपलब्ध समस्त सुविधाओं का सुख भोग करने वाली *बीएसएनएल ईयू* ने सदैव कर्मचारी हितों की अनदेखी करते हुए सिर्फ घड़ियाली आंसू ही बहाए हैं । आप सभी जरा विचार कीजिए ये वही लोग हैं जिन्हें सरकार बुलाकर 5% फिटमेंट के साथ 3rd PRC दे रही थी जिसे इन्होंने ठुकरा दिया और बाद में बीएसएनएल प्रबंधन को 0% फिटमेंट पर वेज रिवीजन लागू करने के लिए लिख कर दिया। यदि आज बीएसएनएल में सभी कैडर के कर्मचारी/अधिकारी स्टैगिनेशन पर हैं पर हैं तो उसकी एकमात्र दोषी *मान्यता प्राप्त यूनियन बीएसएनएल ईयू* ही है क्योंकि विगत वेतन समझौते पर इनके ही हस्ताक्षर हैं । इसके विपरित विगत वेतन समझौते की अवधि से पांच वर्ष अधिक हो जाने के बाद भी एमटीएनएल में आज भी कोई स्टैगिनेशन नहीं है । आप स्वयं विचार कीजिए क्या बीएसएनएल ईयू कर्मचारी हितों की रक्षा करने में सफल रही ?
अभी बीएसएनएल ईयू का VRS को लेकर एक मैसेज वायरल हो रहा है जिसमें वो न जाने किसे चुनौती दे रहे हैं अरे भाई! वर्तमान में मान्यता में आप ही हो कर्मचारी हितों की रक्षा करना आपका ही दायित्व है पर आपकी कभी इतनी हिम्मत भी नहीं हुई कि अपने कारपोरेट आफिस पर प्रबंधन की नीतियों के विरुद्ध प्रदर्शन भी कर सको। वर्ष 2020 में आयी VRS को भी इनकी मौन स्वीकृति दी तभी तो इन्होंने VRS रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया और आज फिर उसी विषय को लेकर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं।
*बीटीईयू बीएसएनएल* का मानना हैं कि बीएसएनएल को बचाए रखने के लिए सरकार ने पुनः पैकेज की घोषणा की है तथा एक कमेटी का गठन किया है जिसकी रिपोर्ट आने तक हमें प्रतीक्षा करनी चाहिए।बीटीईयू बीएसएनएल आप सभी को भरोसा दिलाती है कि कमेटी की इस रिपोर्ट में बीएसएनएल कर्मचारियों के हितों के विपरित किसी भी विषय पर समझौता न करते हुए एक व्यापक आंदोलन किए जाने को लेकर हम प्रतिबद्ध है।